Red Lines: आपने अक्सर कारों में देखा होगा कि पीछे वाले शीशे पर Red Lines दी जाती हैं. हालांकि, यह लाइनें कुछ कारों में होती हैं और कुछ कारों में नहीं होती हैं. जिन कारों में यह Red Lines होती हैं, क्या उन्हें देखकर आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर इन लाइनों को क्यों दिया जाता है, या इन्हें देने के पीछे का कारण क्या है और अगर इन लाइनों को दिया जाता है तो यह लाइनें करती क्या है?
इससे पहले कि हम इन सब सवालों का जवाब दें, हम आपसे सवाल पूछते हैं, जिसका जवाब आपको सोचना है.
सोचिए कि गाड़ी को सुरक्षित ढंग से चलाने के लिए आपको किन-किन चीजों का ख्याल रखना चाहिए. जब आप यह सोचेंगे तो तमाम बातें आपके जहन में आएंगी और इनमें से एक बात यह भी होगी कि सुरक्षित तरीके से कार चलाने के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि आपकी कार के आसपास और कौन-कौन से वाहन चल रहे हैं.
इसके लिए आप ओआरवीएम या आईआरवीएम की इस्तेमाल करते हैं, जिनसे साइड और पीछे की तरफ देखते हैं. कार के ठीक पीछे देखने के लिए आईआरवीएम की बहुत जरूरत होती है. आईआरवीएम आपको रियर ग्लास के जरिए पीछे देखने में मदद करता है.
विजिबिलिटी को बनाए रखने के लिए होती हैं Red Lines
इसी विजिबिलिटी को बनाए रखने के लिए पीछे वाले ग्लास पर ये लाइन दी जाती है. इन्हें डिफॉगर ग्रिड लाइन या डिफॉस्टर ग्रिड लाइन कहते हैं. सर्दियों में या बरसात में जब कार के शीशों पर बहुत फॉग जम जाता है तो विजिबिलिटी कम हो जाती है, जिससे हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए, कुछ कारों में रियर डिफॉगर फीचर दिया जाता है, जिससे पीछे वाले शीशे से फॉग को खत्म किया जा सकता है.
यह फीचर्स डिफॉगर/डिफॉस्टर ग्रिड लाइनों की मदद से फॉग को रिमूव कर देता है और शीशा बिलकुल साफ हो जाता है. जब आप रियर डिफॉगर ऑन करते हैं तो यह लाइनें गर्म होती है और फॉग को हटा देती हैं।
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