आज का योग: योग-प्राणायाम के नियमित अभ्यास की आदत आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दे सकती है। शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि जो लोग नियमित रूप योगाभ्यास करते हैं उनमें कई प्रकार की शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम होता है। मन को शांत रखने, तनाव-चिंता को कम करने से लेकर कई तरह की शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के जोखिम को कम करने तक के लिए योग का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप रोजाना प्राणायाम का अभ्यास करते हैं तो यह आपके समग्र विकास को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा साधन हो सकता है।
भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास
प्राणायाम का अभ्यास, अन्य योगासनों की तुलना में काफी आसान होता है, इसे किसी भी उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास को लेकर भी शोध में कई तरह के फायदों का जिक्र मिलता है। इस योग के अभ्यास के लिए पीठ को सीधा रखते हुए शांत मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें और मुंह बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें। सांस छोड़ने के दौरान ऊँ का उच्चारण भी कर सकते हैं। इस प्रकिया को 5 से 7 बार दोहराएं। समय के साथ इस समय को बढ़ा सकते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम करने के क्या फायदे हैं?
- तनाव, क्रोध और चिंता से राहत दिलाने और मन को शांत करने में फायदेमंद योग।
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए भ्रामरी प्राणायाम बहुत प्रभावी सांस लेने की तकनीक है, यह उत्तेजित मन को शांत करती है।
- सिरदर्द या माइग्रेन के शिकार लोगों को राहत देता है।
- भ्रामरी प्राणायाम से एकाग्रता और याददाश्त में सुधार होता है।
- आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इस योग का अभ्यास किया जा सकता है।
- रक्तचाप की समस्या से परेशान लोगों के लिए यह कारगर अभ्यास है।
भ्रामरी प्राणायाम को लेकर सावधानियां
वैसे तो अध्ययनों में भ्रामरी प्राणायाम से किसी भी दुष्प्रभाव का पता नहीं चलता है, हालांकि इसको गलत तरीके से करने से लाभ नहीं मिल पाता। यदि आप पहली बार भ्रामरी प्राणायाम करने की योजना बना रहे हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह और इसके तरीके को जरूर जान लें। किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में इसका अभ्यास करें। सामान्यत: सभी आयु के लोगों के लिए इसे फायदेमंद और सुरक्षित अभ्यास माना जाता है।