जल्दी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला भी भारत में अपना कदम रख देगी। लेकिन इसके पहले कंपनी ने भारत सरकार से टैक्स रियायत मांगा है लेकिन इसको लेकर भारत सरकार काफी सख्त है।
इसी क्रम में सरकार ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के व्यावसायिक तौर-तरीकों पर सवाल उठाया, जिसमें भारतीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने के लिए टैक्स ब्रेक की मांग की गई थी, लेकिन टेस्ला ने देश में ऐसी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित नहीं करना चाहती थी, जिससे हजारों की संख्या में नौकरियां पैदा हो सकें।
भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में शिवसेना सदस्य विनायक भाऊराव राउत के एक प्रश्न के जवाब में कहा कि हम उस कंपनी को सब्सिडी या करो में छूट नहीं देंगे, क्योंकि वे यहां अपना विनिर्माण और अन्य संचालन आधार स्थापित नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि हम ऐसे कंपनी का कभी समर्थन नहीं करेंगे जो भारत में अपने उत्पाद को बेचने और चीन में रोजगार के अवसर प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ऐसी सभी विदेशी कंपनियों के लिए एक विजन है, अगर आप अपने उत्पाद को हमारे देश में बेचना चाहते हैं, तो उनका निर्माण यहीं करें।
आपको बता दें कि संजय राउत ने पूछा था कि सरकार करो में किस तरह के छूट देने का प्रावधान करना चाहती है। ताकि वह कंपनी घोषणा के अनुसार विभिन्न राज्यों में अपना उत्पाद शुरू कर सके।
यह भी पढ़े :-भारत में यह 10 गाड़ियों की हो रही है बंपर सेलिंग, काफी सस्ती है यह कारे, यहां देखें डिटेल्स
मंत्री ने सदन को सूचित किया कि टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार की किसी भी योजना में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इस कंपनी ने हमारी किसी भी योजना में भाग नहीं लिया है, और इससे उनके इरादे साफ हो गए हैं कि टेस्ला केवल हमारे बाजार का फायदा उठाकर मुनाफा कमाना चाहती है, लेकिन जब तक वह हमारे भारत में रोजगार पैदा नहीं करेंगे हम उसे किसी भी तरह का रियायत नहीं देंगे।