नई दिल्ली: उत्तराखंड के गंगोलीहाट जगह पर एक बेहद ही विशाल गुफा बनी हुई है। यह गुफा 8 तल की बताई जाती है और इसमें कई पौराणिक चित्र भी उबले हुए प्राप्त हुए हैं। साथ ही साथ एक गुफा के अंदर शिवलिंग (Shivling) भी प्राप्त हुआ और चौंकाने वाली बात तो यह बताई गई है कि इस शिवलिंग (Shivling) पर चट्टानों से पानी भी गिर रहा होता है। गुफा की विशालता के साथ-साथ शिवलिंग पर गिर रहे इस पानी ने इस जगह को चर्चा में बना दिया है। मान्यता के अनुसार यह गुफा मशहूर पाताल भुवनेश्वर गुफा से भी बड़ी बताई जा रही है।
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4 युवाओं ने मिलकर खोज दी है यह गुफा
शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट में स्थित प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हाट कालिका मंदिर से बहुत ही करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर मिली इस गुफा को 4 युवाओं ने खोज निकाला है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रविवार को गंगोलीहाट के गंगा वाली वंडर्स ग्रुप के सुरेंद्र सिंह बिष्ट, पप्पू रावल, भूपेश पंत और ऋषभ रावल जब इस गुफा के अंदर पहुंचे तो इसके विशालकाय आकार को देखकर दंग हो गए। वह गुफा के अंदर करीब 200 मीटर तक पहुंच गए और प्राकृतिक रूप से बनी हुई सीढ़ियों के जरिए गुफा के आठ तल नीचे तक पहुंच गए। गुफा में 9 तल भी मौजूद था लेकिन वह वहां पर नहीं पहुंच सके।
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Shivling पर गिर रहा था पानी
इस गुफा को महाकालेश्वर नाम से जाना जाएगा। इस इलाके की अन्य गुफाओं की तरह ही यहां भी चट्टानों पर पौराणिक आकृतियां उभरी हुई नजर आ रही है। यहां पर शेषनाग के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं के चित्र भी नजर आ रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह हुई कि गुफा के अंदर बने हुए शिवलिंग (Shivling) की आकृति पर चट्टान से पानी गिरता नजर आ रहा था। चौंकाने वाली बात यह भी ठीक है इतनी लंबी गुफा होने के बावजूद भी यहां पर पर्याप्त ऑक्सीजन मौजूद है। यह गुफा 150 मीटर गहरी पाताल भुवनेश्वर से भी बड़ी नजर आती है। इसीलिए भविष्य में इस गुफा को भी पर्यटन स्थल के तौर पर डेवलप करके पर्यटकों का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया जाएगा।