Direction of Sleep : मनुष्य के जीवन में नींद का बहुत ही अहम महत्व होता है। इस प्रक्रिया को पूरा करना बहुत ही जरूरी होता है। अच्छी नींद लेने पर शरीर में ऊर्जा में वृद्धि होती है। इसी के साथ साथ मन भी तरोताजा बना रहता है जिससे कि व्यक्ति की कार्य कुशलता में इजाफा होने लगता है। इसी के साथ साथ नींद का संबंध हमारे शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है।
अगर व्यक्ति को नींद नहीं आती है तो उसको तमाम तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। वही एक तरफ अच्छी नींद के लिए दिमाग खराब होना बहुत ही जरूरी होता है तो दूसरी तरफ कमरे का सही दिशा(Direction of Sleep) में होना और किस दिशा में सिर रखकर सोना वास्तु शास्त्र में बहुत ही एहम बताया गया है। ज्योतिष शास्त्रों में अच्छी और पूरी नींद लेने के लिए दिशाओं(Direction of Sleep) के अनुरूप ही सोना बताया गया है। वास्तु शास्त्रों में निद्रा के लिए भी कुछ अहम नियम बताए गए हैं। जिनका अगर पालन करते हैं तो व्यक्ति स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीता है।
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Direction of Sleep- पूर्व दिशा में होता है प्रभाव
वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा(Direction of Sleep) को देवताओं का स्वामित्व दिया गया है। इस दिशा में सिर करके सोने पर स्मृति, एकाग्रता और स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसी के साथ-साथ मनुष्य का आध्यात्मिकता के प्रति झुकाव में भी वृद्धि होती है। वास्तु की माने तो छात्रों को स्मृति में वृद्धि एवं एकाग्रता में वृद्धि करनी है तो पूर्व दिशा में सिर करके सोना(Direction of Sleep) बहुत ही अच्छा बताया गया है।
क्या होता है उत्तर दिशा का प्रभाव
वैज्ञानिकों की मानें तो मनुष्य का शरीर चुंबकीय तरंगों से प्रभावित हो जाता है इसी के साथ-साथ मनुष्य का शरीर स्वयं सूक्ष्म चुंबकीय तरंगों को भी फेकता है। जो प्रभामंडल के आकर्षण एवं विकर्षण उत्पन्न करता है। जिस प्रकार पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव होता है उसी तरह से मनुष्य शरीर का मस्तिष्क वाला हिस्सा उसका उत्तरी ध्रुव बताया गया है। इसीलिए सोते समय व्यक्ति का सिर वाला हिस्सा हमेशा दक्षिण ध्रुव की ओर ही होना चाहिए। जिससे कि चुंबकीय तरंगें सही दिशा में प्रवाहित हो पाए।
इसी के साथ-साथ उत्तर दिशा में सिर रखकर सोने पर चुंबकीय प्रभाव अवरुद्ध हो जाता है जिसके बाद वह बिगड़ जाता है। जिस कारण से मनुष्य को ठीक से नींद नहीं आ पाती है। वास्तु की मानें तो इस दिशा में सिर करके सोने(Direction of Sleep) से नींद में रुकावट आ जाती है।
इसी कारण से सिरदर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जो भी लोग उत्तर की तरफ से एवं दक्षिण की तरफ पैर करके सोते हैं वह लोग रात भर करवटें ही बदलते रहते हैं सुबह उठकर भी उन्हें आलस्य आता रहता है। मानसिक बीमारियों की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसीलिए वास्तु की माने तो इस दिशा में सिर करके कभी नहीं सोना चाहिए।
क्या होता है पश्चिम दिशा का प्रभाव
वास्तु की मानें तो पश्चिम दिशा में सिर करके सोना(Direction of Sleep) भी अनुकूल होता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि यह दूसरा नाम, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा और समृद्धि में वृद्धि करती है।
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क्या है दक्षिण दिशा का प्रभाव
मृत्यु के देवता यानी कि यम को दक्षिण दिशा के स्वामी बताया गया है। इस दिशा में अगर आप सिर करके सोते(Direction of Sleep) हैं तो यह बहुत ही अच्छा होता है। वास्तु में बताया गया है कि स्वस्थ जीवन और लंबी आयु पाने के लिए मनुष्य को सदैव अपना सिर दक्षिण में और पैर उत्तर दिशा में करके सोने चाहिए। इस दिशा की ओर सिर करके सोने पर व्यक्ति को धन, समृद्धि, खुशी और यश प्राप्त होता है। इसी के साथ साथ व्यक्ति गहरी नींद से आराम से सोता है।