Bank Privatisation: पूरे देश में इस समय बैंकों के निजीकरण को तेजी से तैयारियां चल रहीं हैं।आपको बता दें कि देश भर में मौजूद तमाम बैंकों में से दो बैंक का प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) होने जा रहा है।देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों का कहना है कि SBI को छोड़कर सारे बैंक प्राइवेट कर देने चाहिए।
क्या है योजना सरकार की ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2022 में आईडीबीआई बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों का निजीकरण की घोषणा की थी।इसके साथ साथ नीति आयोग ने प्राइवेटाइजेशन के लिए दो PSU बैंक को शॉर्टलिस्ट भी किया गया था।लगातार हो रहे विरोध के बावजूद सरकार निजीकरण को लेकर अपना पक्ष पहले ही साफ कर चुकी है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा भी था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी को बेचा जाएगा।आपको बता दें कि निजीकरण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को संभावित उम्मीदवारों के रूप में चुना गया था।
एसबीआई नहीं है लिस्ट में
ncaer.org की तरफ से दी गई रिपोर्ट के अनुसार, इस पॉलिसी पेपर में कहा गया है कि सैद्धांतिक रूप से भारतीय स्टेट बैंक सहित सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण (Bank Privatisation) किया जाना चाहिए।लेकिन भारत सरकार कभी ये नहीं चाहेगी कि उसके पास कोई सरकारी बैंक ना हो,इसीलिए फिलहाल अभी एसबीआई छोड़कर बाकी सारे बैंकों को प्राइवेट करने की तैयारी सरकार कर रही है।अगर कुछ साल बाद माहौल अनुकूल तब एसबीआई का निजीकरण कर देना चाहिए।
सारे बैंकों का जल्द ही होगा निजीकरण (Bank Privatisation)
देश में सरकारी बैंकों के निजीकरण (Bank Privatisation) के विरोध के चलते दो अर्थशास्त्री ने कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण होना चाहिए. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढिया और एनसीईआर की डायरेक्टर जनरल और प्रधानमंत्री को आर्थिक विषयों पर सलाह देने वाली परिषद सदस्य पूनम गुप्ता ने सरकार को यह सलाह दी है।अधिकतर बैंकों के निजीकरण हो जाने पर भारतीय रिजर्व बैंक पर भी दबाव पड़ेगा कि वह पूरी प्रक्रिया , नियमों और कानूनों को फिर से व्यवस्थित ताकि इसका नतीजा अच्छा आए।
यह भी पढ़े:-Adhaar Card: शादी के बाद इस प्रोसेस के जरिए बदले सरनेम और एड्रेस, पढ़ें डिटेल
यह भी पढ़े:-LPG Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत में 203 प्रतिशत का उछाल, भारत में ये हुआ हाल